कौन किसका होता है कितने भी लांछन लगे कौन किसका होता है कितने भी लांछन लगे
कौन किसका होता है। कितने भी लांछन लगे कौन किसका होता है। कितने भी लांछन लगे
हजार दिक्कतें रहने - खाने मे पर मम्मी को फोन पे "सब बड़ीया हे" , कहते मेने देखा है। हजार दिक्कतें रहने - खाने मे पर मम्मी को फोन पे "सब बड़ीया हे" , कहते मेने देख...
वैसे ही उसके बिना मैं ! मेरी खुद कि पहचान थी वो, मैं जिन्दा था क्योंकि मेरी जान थ... वैसे ही उसके बिना मैं ! मेरी खुद कि पहचान थी वो, मैं जिन्दा था ...
हर वक्त में ढलूंगाहर दुःख से उबरूंगा. हर वक्त में ढलूंगाहर दुःख से उबरूंगा.
हर पल जिन्दा रखें यह अहसास कृति विधाता की हैं हम बेहद खास, सुकर्म करते रहें जब तक है हर पल जिन्दा रखें यह अहसास कृति विधाता की हैं हम बेहद खास, सुकर्म करते रहे...